• मध्य प्रदेश के परिवहन घोटाले पर कांग्रेस का हंगामा, विधानसभा से बहिर्गमन

    मध्य प्रदेश में हुए परिवहन घोटाले को लेकर कांग्रेस विधायकों ने विधानसभा में जमकर हंगामा किया। इस मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से कराए जाने की मांग करते हुए विधानसभा से बहिर्गमन किया। राज्य में परिवहन घोटाला सियासी मुद्दा बना हुआ है

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    भोपाल। मध्य प्रदेश में हुए परिवहन घोटाले को लेकर कांग्रेस विधायकों ने विधानसभा में जमकर हंगामा किया। इस मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से कराए जाने की मांग करते हुए विधानसभा से बहिर्गमन किया। राज्य में परिवहन घोटाला सियासी मुद्दा बना हुआ है।

    कांग्रेस सदन के बाहर सरकार पर हमलावर रही है और गुरुवार को कांग्रेस ने इस मामले को लेकर विधानसभा में हंगामा किया। सरकार पर मामले में शामिल लोगों को बचाने का आरोप लगाया। साथ ही इस पूरे मामले की जांच सीबीआई से कराए जाने की मांग की। कांग्रेस विधायकों ने सदन के बाहर सरकार पर गंभीर आरोप लगाए और नारेबाजी भी की।

    नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार का कहना है कि परिवहन घोटाले की जांच तीन जांच एजेंसियां लोकायुक्त, प्रवर्तन निदेशालय और आयकर विभाग कर रही हैं, तो सरकार को यह जांच सीबीआई को सौंपनी चाहिए। नेता प्रतिपक्ष का आरोप है कि परिवहन विभाग का पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा पकड़ा गया है। जब सोने की ईंटें किसी के यहां मिलती हैं, यह जनता का पैसा है। सरकार क्यों पूर्व के मंत्रियों को बचाना चाहती है। सरकार बैक फुट पर है।

    वहीं मोहन यादव, सरकार के परिवहन मंत्री उदय प्रताप सिंह ने कहा कि इस मामले की जांच तीन जांच एजेंसियां कर रही हैं। इन जांच एजेंसियों का जांच प्रतिवेदन जब तक नहीं आ जाता तब तक किसी अन्य जांच एजेंसी से जांच कराए जाने की आवश्यकता नहीं है। पहले से जो जांच हो रही है, उसके परिणाम आने दें। जांच रिपोर्ट आने से पहले कैसे आरोप लगा सकते हैं।

    परिवहन विभाग के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा की नियुक्ति को लेकर किए गए सवाल पर परिवहन मंत्री ने कहा कि नियुक्ति को लेकर पूरी तरह निर्भरता कलेक्टर पर है। विभाग में अगर पद रिक्त नहीं है, तो कलेक्टर तय करता है कि किस विभाग में भेजना है। जब किसी व्यक्ति की अनुकंपा नियुक्ति की जाती है, तब यह तय नहीं होता कि वह व्यक्ति चोर होगा, अपराधी होगा या अनियमितताएं करेगा। नियुक्ति प्रक्रिया में कहीं भी गड़बड़ी नहीं है। हमारे सामने जब यह मामला आया और शपथ पत्र गलत पाए गए, तो विभाग ने पुलिस को लिखा है कि आपराधिक प्रकरण दर्ज किया जाए।

    ज्ञात हो कि राज्य में परिवहन घोटाला सामने आया तो पुलिस ने पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा सहित तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। इस मामले में एक कार से 54 किलो सोना, 10 करोड़ नगदी और एक कार्यालय से ढाई क्विंटल चांदी बरामद की गई है। जांच एजेंसियों को महत्वपूर्ण दस्तावेज भी मिले हैं।

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